Silence meaning in Hindi। Silence
Silence meaning in Hindi। Silence
Introduction :
Silence एक ऐसी शक्ति है जो हमें खुद के अंदर की शक्ति का अहसास करा देती है। किसी भी बात को अगर हमें गहराई से जानना या समझना हो तो मौन से बेहतर दूसरी कोई शक्ति नहीं है। मौन हमारी कार्यशक्ती को बढ़ाता है और हमें ऊर्जा प्रदान करता है। मौन से मन की शक्ति दुगनी हो जाती है। The power of silence याने की मौन की शक्ति ये शब्द आपको बहुत ही साधारण लगता होगा लेकिन ये दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है जो आपका जीवन बदल सकती है। स्वामी विवेकानंदजी कहते है की “जीवन में शांत रहोगे तो खुद को बहुत मजबूत पाओगे क्योंकि लोहा ठण्डा होने पर ही मजबूत होता है, गर्म होने पर तो उसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है।”
Importance of Silence :
हम इतने ज्यादा बोलने के अधीन हो चुके हैं की मानो हम चुप रहना ही भूल गए हैं। हमने खुद को इतना ज्यादा अशांत किया है की अब उसकी वजह से निर्माण हुई परिस्थितियाँ भी हमारे बस में नही हैं। क्या आप जानते हैं की मन का अशांत होना ही सभी बिमारियों का मुख्य कारण है। हम आसपास की distractions में इस तरह से उलझ चुके हैं की हमने खुद की पहचान ही खोयी हुई है और इसी वजह से बहुत सारी शारीरिक और मानसिक बिमारियों का शिकार बने बैठे हैं। इसीलिए हमें इस अशांत जीवन में शांति लाने के लिए उस शांति और ख़ुशी के मार्ग को ढूँढना होगा जो हमारे अंदर ही है। तो चलिए इस जीवदान देनेवाली शक्ति से परिचित होते हैं !
Silence हमारे जीवन में High level का Transformation लाता है।
जब हम शांत होते हैं तब हमारा दिमाग ज्यादा काम करने लगता है।
हमारी निर्णयक्षमता बढ़ती है।
कठिन परिस्थितियों में हम सही निर्णय ले सकते हैं।
हमारी आत्मिक शक्ति बढ़ती है, हमारा मन और शरीर दोनों स्वस्थ रहते हैं।
संकल्पशक्ति का विकास होता है।
जो लोग कम बोलते हैं या मौन का पालन करते हैं उनके द्वारा कही गयी हर बातें प्रभावशाली होती है। वो लोग जो बोलते हैं वो करके दिखाते हैं।
मौन से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
मौन की अवस्था में Creativity बढ़ती है।
मौन से कई सारी समस्याओं को टाला जा सकता है।
परेशानियों को सोच समझकर निपटाया जा सकता है क्योंकि जब भी कोई परेशानी आती है तब जल्दबाजी में गलत निर्णय लेने से अच्छा है की शांत रहकर निर्णय लें।
भगवान या परमात्मा से सीधी बात मौन की अवस्था में ही हो सकती है।
जीवन की ख़ुशी मौन में ही छुपी है।
मौन ब्रह्माण्ड के शक्तियों की चाबी है।
अगर हमें ब्रह्माण्ड की शक्तियों से जुड़ना है तो शांत रहकर, मौन की अवस्था में ही हम जुड़ सकते हैं। इसीलिए ऐसा कहा जाता है की ब्रह्मा मुहूर्त में जाग जाने से आप उस Divine energy से connect हो सकते हैं।
हमारा मन जितना शांत होगा, जितना नकारात्मक विचारों से दूर होगा उतनाही सुखी हमारा जीवन होगा और जितना हम इस मौन की शक्ति का विकास करेंगे उतनेही हम बेहतर बनते जाएंगे।
बोलने से हम संसार से जुड़ते हैं लेकिन मौन हमें ईश्वर से जोड़ता है।
अगर खुद को अच्छी तरह से जानना है तो मौन से अच्छा मार्ग ही नहीं है।
शांत रहने से अच्छी सेहत का अनुभव लिया जा सकता है।
अपने आपको powerful बनाने का एक ही मार्ग है और वो है मौन। Silence की शक्ति से हम अपने आपको एक अलग ही रूप में पाएँगे और अपने अंदर एक अलग ही शक्ति का विकास कर चुके होंगे।
मौन की अवस्था में ही हम सिखने के काबिल बन सकते हैं।
Meaning of Silence :
हमें मौन याने चुप रहना इतना ही अर्थ पता है लेकिन सिर्फ चुप रहने का मतलब मौन नहीं है। मौन मतलब हमारे मुंह के साथ साथ दिमाग भी शांत होना चाहिए। शांत रहने से दिमागी ताकत बढ़ती है और Creative thoughts के ऊपर हमारा दिमाग काम करता है।
Meditation और योग की मदद से हम अपने दिमाग को शांत कर सकते हैं। और फिर ये दिमागी शांतता आपको वो सब कुछ देगी जो आपने सोचा था। आपको सिर्फ अपने दिमाग को काबू में रखना है फिर आपके जीवन में कितना भी बड़ा तूफ़ान आ जाये आप चट्टानों की तरह खुद को मजबूत पाएंगे।
आपको ये जानकार हैरानी होगी की दुनिया के सारे सफल लोग हर सुबह Silence की प्रैक्टिस करते हैं। वो लोग बहुत कम बोलते हैं और ज्यादा परफॉर्म करते हैं। बोलने में अपनी energy waste नहीं करतें।
देखिये दोस्तों ईश्वर ने ये सुन्दर जीवन इस तरह अशांति से जीने के लिए नहीं दिया है।
किसीने आपको १०००० रुपये दिए और आपने उसमें से सिर्फ १०० रुपये इस्तेमाल करके बाकि ९९०० रुपये जला दिए तो उस देनेवाले को कैसा लगेगा ! बिलकुल उसी तरह ईश्वर ने हमें असीमित शक्तियों के साथ इस धरती पे भेजा है और हम सब ईश्वर से दी गयी शक्तियों का अपमान कर रहें हैं, उन शक्तियों को waste कर रहें हैं।
हम बाहर से तो शांत दिखते हैं या शांत होने का नाटक करते हैं लेकिन अंदर ही अंदर विचारों का तूफ़ान चल रहा होता है। उसी तूफ़ान को मौन से शांत किया जा सकता है।
ऐसा कहा जाता है की बुद्धिमान लोग बहुत ही कम बोलते हैं और मुर्ख लोग बिना मतलब बोले ही जाते हैं। क्या आप जानते हैं की जो व्यक्ति अंदर से जितना शांत उतनाही बाहर से प्रभावशाली दिखता है और जब वो बोलता है तो सिर्फ और सिर्फ क्रांति होती है।
कभी कभी हम बिना मतलब के इतना बोलते रहते हैं और अपनी value कम कर देते हैं। हमारी सारी ऊर्जा बेवजह की बहस में चली जाती है। हमें ये ध्यान रखना होगा जो ऊर्जा व्यर्थ बोलने में जा रही है उस ऊर्जा को हम किसी creative काम में लगा सकते हैं। पूरी ऊर्जा के साथ नए काम की शुरुवात कर सकते हैं। जीवन के संघर्षों से बाहर निकलकर बड़ी से बड़ी उपलब्धियों को हासिल कर सकते हैं।
आशा है दोस्तों आपको ये Article अच्छा लगा होगा और आप भी इस मौन की शक्ति को अपनाने के लिए तैयार हुए होंगे। आजतक हम दूसरों के लिए तो बहुत जीए लेकिन आज वो समय आया है जब से हम खुद के लिए जियेंगे, खुदपर काम करेंगे, शांत रहेंगे, खुद को समय देंगे और खुद का जीवन अर्थपूर्ण और ख़ुशी से भर देंगे।
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