How to stop Overthinking । अत्यधिक सोच से कैसे बचें
How to stop Overthinking । अत्यधिक सोच से कैसे बचें
Introduction :
कभी ऐसा हुआ है की आप बहुत देर तक सोच रहे हैं, आपका दिमाग विचारों से भर चुका है और इन विचारों में आपका कितना वक्त गुजर गया आपको पता भी नहीं चला ! अगर आपके साथ ये हो रहा है तो आप overthinking कर रहे हैं। किसी भी चीज के बारे में अत्याधिक सोच को ही overthinking कहते हैं। कई बार यह अत्याधिक सोच कब एक मानसिक बीमारी बन जाती है हमें पता भी नहीं चलता। इसीलिए overthinking से कैसे बचना है, कैसे अपने विचारों को कंट्रोल करना है यह हम “How to stop Overthinking” इस article में देखेंगे।
Process of overthinking : अत्यधिक सोच की प्रक्रिया
जब हम विचारों में खोए हुए होते हैं तो इसकी शुरुवात सिर्फ एक विचार के साथ होती है। पहले मन में एक विचार आता है फिर उससे संबंधित दूसरा विचार आता है। इस तरह तीसरा, चौथा, पाँचवा विचार ! विचारों का ये चक्र इस तरह से बहुत देर तक चालू रहता है। इसके कारण हमारा मन अशांत हो जाता है और हम खुद को ही दोषी मानकर दुखी होते हैं।
जो विचार हमारे मन में आते हैं वह किसी घटना से संबंधित होते हैं जो घटनाएँ हमारे भूतकाल में घट चुकी होती है। उस घटना को बार बार याद कर के हम हमारा वर्तमान खराब कर रहे होते हैं इसकी हमें थोडीसी भी कल्पना नहीं होती और इस सब के बाद solution तो मिलता ही नहीं। कई बार यह घटनाएं ५ या १० साल पुरानी हो सकती है लेकिन उन्हें हररोज याद करके हम उन्हें ताजा कर देते हैं। उस घटना से संबंधित सारी कल्पनाएं हमारे मन में आती है। जो होना था वह हो गया ऐसा सोचने के बजाय हम पुरानी यादों को याद करके वर्त्तमान में जीना भूल जाते हैं।
देखिये जिन लोगों ने आपको hurt किया है वो उस घटना को सालों पहले भूल भी गए हैं। आप जिए या मरें इस बात से उन लोगों को कुछ फर्क नहीं पड़ता। इन लोगों के बारे में ज्यादा सोचना यही हमारे दुखों का मुख्य कारण है। एक बात याद रखिये आपके overthinking से ना वो लोग बदलनेवाले है, ना घटनाएँ बदलनेवाली हैं। ना ही आपका वर्त्तमान safe होगा ना ही आपका भविष्य। तो सोचिये कैसी जिंदगी जी रहे हैं आप ? इसका विचार आपको करना ही होगा ! आपको बदलना ही होगा !
Types of overthinking : Overthinking के दो प्रकार है।
Problem centric overthinking :
इस प्रकार के overthinking में लोग problem पर ही focus करते हैं। उनके साथ भूतकाल में जो कुछ गलत हुआ उसी के बारे में सोचते रहते हैं। उन्हें यह पता नहीं होता कि इस तरह के सोचने का कोई फायदा नहीं होता है, होता है तो सिर्फ नुकसान ! क्योंकि घटना तो एक बार होती हैं लेकिन दिन भर में हम उसे बार बार याद करके दुखी होते हैं।
जितना वक़्त प्रॉब्लम्स के बारे में सोचने के लिए बर्बाद करते हैं उतना ही वक्त अगर उसके solution ढूंढने के लिए लगाते तो इन लोगों का जीवन खुशी से भर जाता। लेकिन इनको एक आदत सी लग गई होती है अत्यधिक सोच की ! यह लोग जिंदगी भर उसी प्रॉब्लम में अटके रहते हैं और खुद के साथ-साथ दूसरों की जिंदगी भी दुखों से भर देते हैं।
इस तरह के overthinking में कोई भी व्यक्ति एक तो भूतकाल में घटी हुई घटनाओं का विचार करता है या फिर भविष्य में मेरा क्या होगा इसके बारे में सोचता रहता है। इनको इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की overthinking की वजह से उनके मन और शरीर की कितनी हानि हो रही है।
Solution centric overthinking :
इस प्रकार के overthinking में लोग problems के बजाय solution पर ध्यान देते हैं। जीवन की समस्याएँ सुलझाने के लिए कई बार stress, overthinking अच्छे हैं ऐसा कहा जाए तो गलत नहीं है। क्योंकि सफल लोग overthinking करते हैं, stress लेते हैं लेकिन जीवन को बिगाड़ने के लिए नहीं, जीवन में सफलता पाने के लिए। गलती तो हो गई लेकिन अब मैं क्या कर सकता हूँ इस बारे में सोचना यह सबसे अच्छा मार्ग है प्रॉब्लम से निकलने का। Stress अच्छा है अगर वो कुछ बड़ा करने के लिए हो। Overthinking लाभदायक है अगर वो सफलता पाने के लिए हो।
Overthinking के कारण :
कई बार हमारे मन में किसी चीज का डर होता है और उस डर के कारण हम बार-बार सोचते रहते हैं।
हमें खुद पर कई बार विश्वास नहीं होता तो जब कुछ नया करने जाओ तो failure से related विचार मन में आते हैं।
काम का तनाव overthinking का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है।
हमारी चिंता करने की आदत हमें overthinking की तरफ ले जा सकती हैं। कई लोगों को बेवजह चिंता करने की आदत होती है और उस आदत की वजह से लोग हद से ज्यादा सोचते हैं।
Overthinking के परिणाम :
Overthinking से नकारात्मकता बढ़ती है।
मन अशांत होता है, विचारों पर कोई कंट्रोल नहीं होता।
नींद की समस्या सताती है। शरीर और मन से संबंधित बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं।
हमेशा टेंशन रहता है।
कोई भी काम करते वक्त बहुत सारी गलतियां होती है क्योंकि उस काम को करने में इन लोगों का ध्यान ही नहीं होता।
Relationships मे problems आती है।
बार-बार उसी घटना से संबंधित विचार मन में आते हैं जिन घटनाओं को बदला नहीं जा सकता।
भविष्य में क्या होगा इसका डर सताता रहता है।
निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है। कोई भी निर्णय नहीं ले पाते।
बार-बार खुद को दोषी समझते हैं।
Self confidence, Self belief कम हो जाता है।
Concentration level कम होती है।
दोषी कोई भी हो खुद पर ही क्रोध आता है।
Overthinking के उपाय :
सबसे पहले हमें चिंता करने के बजाय किसी भी समस्या का चिंतन करना चाहिए। चिंतन करने से समस्या का हल मिल सकता है।
जिस तरह शरीर को detox करते हैं उसी तरह मन को भी detox करना है।
खुद के जीवन में value add कीजिए , खुद की कदर कीजिए, खुद से प्यार कीजिए।
वर्तमान में जीए क्योंकि भूतकाल गुजर चुका है, गलतियाँ हो चुकी है, भविष्य हमारे हाथ में नहीं है। तो क्यों भूतकाल और भविष्य की चिंता में वर्तमान खराब करें ?
आपके बारे में जो लोग नेगेटिव सोचते हैं उन लोगों से दूर रहिए। Negative comments ignore करें।
अपने दिमाग को किसी भी हालत में खाली ना रखें। जब आपको ऐसा लगे कि मन में negative विचार आ रहे हैं तब मन को कुछ ऐसी चीजों में व्यस्त कीजिये जिनसे मन को शांति और आनंद मिले।
मन को शांत रखने के लिए affirmations दें। ये एक बहुत ही लाभदायक उपाय है।
खुद की तुलना दूसरों से ना करें।
एक बात ध्यान रखिए कोई भी चीज आपको तब तक परेशान करती है जब तक आप उस पर ध्यान देते हैं। एक बार आपने उस चीज से ध्यान हटा दिया तो दुनिया की कोई भी चीज आपको दुखी नहीं कर सकती।
अपनी problems पर बार बार रोने के बजाय किसी ऐसे व्यक्ति से अपना problem share करें और सलाह लें जो आपको समस्या से बाहर निकाल सकता है।
गलती खुद से हुई है तो खुद को माफ़ करें और आगे बढे। गलती दूसरों से हुई है तो उन्हें भी माफ़ करें और उस घटना से कुछ ना कुछ सीख जरूर लें।
आप कब तक किसी का स्वभाव बदलने का इंतज़ार करेंगे ? आपकी जिंदगी गुजर जाएगी लेकिन इन लोगों का स्वभाव नहीं बदलेगा। बेहतर होगा की आप खुद को बदलें, अपना स्वभाव बदलें, अपनी आदतें बदलें, खुद को mentally strong बनाए।
Acceptance is the best medicine ऐसा कहा जाता है। तो इस बात पर भी आपको विचार करना है। सब कुछ आपके हिसाब से चलेगा ऐसा हो ही नहीं सकता ! तो कई बार आपको ही समझदारी से पेश आना होगा।
मन को प्रसन्नता की ओर ले जाने के लिए गाने सुनें या फिर motivational videos देखें। जो आपको अच्छा लगें, आपके मन को refresh करें वो कीजिये।
अगर आप मन की शांति चाहते हैं तो meditation जरूर करें।
Overthinking करने से सिर्फ समस्या ही नजर आएगी लेकिन proper thinking करने से best results मिलेंगे। तो overthinking करना छोड़िए और proper thinking करना शुरू कीजिए।
The following 3 books can help you to reduce overthinking :
दुनिया के जितने भी सफल लोग है उनके घर किताबों से भरे हैं। क्योंकि किताबें हमें वो राह दिखा सकती है जो कोई नहीं दिखा सकता। आपकी किसी भी समस्या का हल आपको किसी ना किसी किताब में जरूर मिलेगा। अगर आपको शांतिपूर्ण जीवन जीना है तो आपको इन किताबों में जो ज्ञान है वो आपके अंदर उतारना ही होगा।
यहाँ सिर्फ overthinking से related books के बारे में बात करते हैं। 3 books ऐसे हैं जो आपको पूरी तरह overthinking से बाहर निकाल सकते हैं वो आपको जरूर पढ़ने हैं। अगर possible नहीं हैं तो यू ट्यूब पर इन books की summary का video मिलेगा वो देखिये।
How to Stop Worrying and Start Living – ( Writer – Dale Carnegie )
Think Straight – ( Writer – Darius Foroux )
Life’s Amazing Secrets – ( Writer – Gaur Gopal Das )
ये books overthinking से related हैं। अगर आपको इन किताबों के हिंदी अनुवाद मिलें तो अच्छा है अगर ना मिले तो English में ही पढ़ लेना। इन किताबों को पढ़ने के बाद आपकी जीवनशैली जरूर बदलेगी।
तो दोस्तों अगर आपको ये आर्टिकल useful लगें तो जरूर शेयर करें। आपकी वजह से किसीकी जिंदगी में बदलाव आ सकता है। Suggested books जरूर पढ़िए और अगर आपने कोई life changing books पढ़ी है तो comment में जरूर बताएँ ताकि सब लोग पढ़ सकें।
Thanks for Reading : How to stop Overthinking । अत्यधिक सोच से कैसे बचें
The best way to grow up
THINK AGAIN AND AGAIN
ONLY POSITIVE….
U r right .lekin problem hi agar problem ho to thoda muskil hota hai soch badlana aur overthinking na karna.ye sach overthinking ya gussa khud ko hi saja dene jaisa hai.uski saja jo galti hamne na ki ho