Anger Management
Anger Management
Introduction :
Anger ये सिर्फ एक भावना है लेकिन उसी भावना को हम अच्छी तरह से हैंडल नहीं कर पाते इसीलिए बहुत सारी परेशानियों का सामना हमें करना पड़ता है। अगर कोई चीज हमारे मन के विरूद्ध होती है तो क्रोध उत्पन्न होता है। लेकिन Anger Management हमें इस क्रोध की भावना से मुक्त कर सकता है और एक अच्छा, सुखी जीवन प्रदान कर सकता है।
आज ऐसी स्थिति है की लोगों को गुस्सा बहुत जल्दी आता है और तो और किस बात पर गुस्सा होंगे ये भी नहीं बता सकते ! बिना सोचे समझे हम एक दूसरे पर गुस्सा होते रहते हैं फिर चाहे वो घर के सदस्य हो, हमारे बच्चें हो या सहयोगी।
जीवन के कठिन समय में गुस्सा होना स्वाभाविक है लेकिन बार बार क्रोधित होना हमारा स्वभाव बन रहा है। क्या आप जानते हैं की अगर इस क्रोध की भावना का सही उपयोग किया जाए तो इतिहास रचा जा सकता है जो शिवजी महाराज जी ने रचा। उनको गुलामी का क्रोध आता था और इसी क्रोध की भावना ने उन्हें आजतक हमारे दिलों में ज़िंदा रखा है।
अन्याय के विरूद्ध लड़ने के लिए क्रोधित तो होना ही चाहिए लेकिन उस क्रोध का परिणाम ऐसा होना चाहिए की ये दुनिया भी आश्चर्यचकित हो जाए।
Why do we get angry ? :
जब किसी व्यक्ति को अपनी इच्छा के विरूद्ध काम करना पड़ता है, किसी काम की वजह से उसके मन में तनाव है या फिर उसके जीवन में भारी उथलपुथल चल रही है तो उस तनाव को वो व्यक्ति गुस्से के रूप में बाहर निकालता है। कई बार कुछ बातें बहुत छोटी होती हैं लेकिन हम क्रोधित होकर उन छोटी बातों को बहुत बड़ा कर देते हैं।
कई बार फॅमिली में एक दूसरों के विचार मिलते नहीं तो वैचारिक तौर पर अनबन शुरू हो जाती है या relationships में कोई problems हो तो क्रोध उत्पन्न होता है। Workplace में या किसी business में कोई समस्या है तो उससे भी हम क्रोधित होते हैं।
वैसे तो इस क्रोध की भावना को कण्ट्रोल करना बहुत ही आसान है लेकिन हम करते नहीं। गुस्सा होना जितना आसान है उससे भी आसान उसे कण्ट्रोल करना है लेकिन अगर कोई हमें एक बात बोलता है तो हम उसे दस बातें सुना देते हैं और खुद के साथ साथ दूसरों का भी जीवन ख़राब कर देते हैं। क्रोधी इंसान ना तो खुद सुखी रह पाता है ना दूसरों को सुख दे सकता है। बहुत से लोग गुस्से की वजह से डिप्रेशन का शिकार बन जाते हैं। बहुत सारी शारीरिक और मानसिक बीमारियों का जड़ क्रोध ही होता है।
बहुत सारे लोग तो ऐसे होते हैं जो खुद का क्रोधित स्वभाव स्वीकार करने के लिए तैयार ही नहीं होते। जब की सच तो ये होता है की वो खुद के क्रोध पर काबू नहीं रख पाते और जिनसे वो बहुत प्यार करते हैं उन्हें शारीरिक या मानसिक नुकसान पहुँचा देते हैं।
The side effects of anger :
गुस्से को काबू में ना रख पाने से कई बार ऐसी भयानक समस्याएँ उत्पन्न होती है या हमसे ऐसे काम हो जाते हैं जिनके लिए हमें जिंदगीभर पछताना पड़ सकता है। गुस्से में ऐसे काम हो जाते हैं जो खुद के साथ साथ दूसरों की जिंदगी भी तबाह कर देते हैं। क्रोध का परिणाम कई बार पुरे परिवार को भी भुगतना पड़ता हैं।
गुस्सा कोयले की तरह होता है। दूसरों को जख्म देने के लिए अगर हम हमारे हाथ में कोयला लेंगे तो सबसे पहले वो हमारा हाथ जला देगा। उसी तरह जब हम गुस्सा होते हैं तो सबसे ज्यादा तकलीफ हमें ही होती है। और इसके विरुद्ध जब हम शांत मन के साथ निर्णय लेते हैं तो उसका परिणाम भी सुखमय होता है।
कई बार क्रोधित होने से शारीरिक या मानसिक तौर पर बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है और कभी कभी तो ये क्रोध हमारा आर्थिक नुकसान भी करता है। साथ ही साथ रिश्तों में दरारें पैदा करता है, दिल का सुकून छीन लेता है। मानसिक शांति भंग हो जाती है। नेगेटिव विचारों की ताकत बढ़ जाती हैं और बदले की भावना मन में जन्म लेती है।
How to manage Anger :
Where there is a question, there is an answer :
जहाँ प्रश्न है वहां उत्तर होता ही है। जिस तरह दुनिया का कोई भी ताला चाबी के बिना नहीं बनता उसी तरह जीवन की कोई भी समस्या समाधान समाधान के बिना जन्म नहीं लेती। हमें तो सिर्फ शांत रहकर उस समस्या का समाधान ढूँढना होता है। कई बार ऐसा होता है की हम खुद उस समस्या का समाधान नहीं ढूँढ पाते तो उस वक़्त हमें किसी ऐसे व्यक्ति से सलाह लेनी चाहिए जो हमें उस समस्या से बाहर निकाल सकता है।
No anger zone :
पब्लिक प्लेसेस में No smoking zone या Silent zone होता है क्योंकि public places में smoking करना खुद के साथ साथ दूसरों की सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकता है उसी तरह क्रोध खुद के साथ साथ दूसरों की जिंदगी भी ख़राब कर सकता है। इसीलिए हमें हमारे जिंदगी में No anger zone को create करना है। कभी कभी हम दूसरों के क्रोध का भी शिकार बन जाते हैं तो हमें इस बात का भी हमेशा ध्यान रखना है की खुद भी गुस्सा नहीं होना है और किसी और के गुस्से का शिकार भी नहीं बनना है।
गुस्सा या क्रोध एक ऐसी चीज है जो कभी कभी जिंदगी में ऐसा कुछ करवा देती है जो गलतियाँ हम सारी जिंदगीभर ठीक नहीं कर सकते और उसकी सजा हमें जिंदगीभर भुगतनी पड़ सकती है।
Don’t react, delay the response or give positive response :
हर एक व्यक्ति अलग है और उसके विचार भी ! तो हम ये अपेक्षा कैसे कर सकते हैं की वो व्यक्ति हमारे विचारों के अनुसार चलें ! हमें दूसरों के विचारों का सम्मान करना चाहिए और अगर उनके विचार हमारे कुछ काम के नहीं है तो उनको और उनके विचारों को नजरअंदाज करना ही सही होगा। अगर कोई कुछ कहें तो पुरे विचार के साथ उत्तर दीजिये या फिर positive response दीजिये। ज्यादातर रिश्तें जल्दबाजी में गलत response देने से ही बिगड़ जाते हैं। तो अगर हमारे लिए वो रिश्ता महत्वपूर्ण है तो कुछ बातों को नजरअंदाज करना ही सही होगा।
हम कई बार सामनेवाले को सिर्फ इसीलिए सुनते हैं की उसकी बातों का अच्छे से जवाब दे सकें। लेकिन ऐसा करने से आप अपनी ही कीमत खो देते हैं इसीलिए हमें किसी भी हालात में react नहीं होना है। इसकी बजाय आप अपना response delay कर सकते हैं या फिर positive response दे सकते हैं।
Try to see beyond the situation :
किसी भी घटना के पीछे कुछ ना कुछ कारन जरूर होता है। जो व्यक्ति बार बार गुस्सा होता है वो हो सकता है किसी बड़ी परेशानी से गुजर रहा होगा और किसीसे कह भी ना पा रहा होगा तो हमें उसके गुस्से के पीछे का कारन जानना होगा। वो लोग अपना दर्द छुपा भी नहीं सकते और दिखा भी नहीं सकते और इसीलिए उनका चिड़चिड़ापन बढ़ता है। तो कम से कम घर के सदस्यों से तो वो लोग expect कर सकते हैं की वो उनका गुस्सा होना समझ लें। लेकिन होता ये है की सबसे ज्यादा टेन्शन तो घरवाले ही देते हैं और उस व्यक्ति को घर का सहारा भी नहीं रहता और वो एक तो addicted हो जाता है या फिर suicide के विचार उसके मन में घूमने लग जाते हैं।
Meditation, Yoga :
नियमित ध्यान के बहुत ही लाभ हैं जो हमें एक सुखमय जीवन प्रदान कर सकते हैं। भटके हुए मन को शांत करना ये Meditation का प्रभावी फायदा है। Meditation का निरंतर अभ्यास मन और शरीर को बलवान बना देता है। और जब मन शांत होता है तो समस्याएं कितनी भी बड़ी हो रास्ता अपने आप निकलता है।
Expect less from others :
हम दूसरों से हद से ज्यादा उम्मीद रखते हैं और अगर वो हमारी अपेक्षाएँ पूरी ना कर सके तो हम गुस्सा हो जाते हैं। जितनी कम उम्मीद हम दूसरों से रखेंगे उतनी ही हमारी जिंदगी आसान हो जायेगी। लेकिन हम इसका बिलकुल उल्टा का देते हैं। हमने हमारी ख़ुशी का रिमोट कण्ट्रोल दूसरों के हाथ में थमा दिया है। अगर वो हमसे अच्छा बर्ताव करेंगे तो हम खुश और अगर खुछ बोल दें तो हम दुखी इस तरह से हमारी जिंदगी गुजर रही है।
Take responsibility of your life :
हमें हमारी जिंदगी की जिम्मेदारी खुद लेनी पड़ेगी। हमारा जीवन ये हमारे विचारों का आइना होता है। जिस तरह के विचारों को हमने अपने मस्तिष्क में जगह दी है उसी तरह की घटनाएँ हमारे जीवन में आकर्षित होंगी। तो अगर हमें अपने जीवन को टेंशन फ्री बनाना है तो अच्छे और सकारात्मक विचारों को ही अपने दिमाग में जगह देनी होगी। आपकी जिंदगी की को सिर्फ आप ही लाजवाब बना सकते हैं ! आप ही आपके जीवन के निर्माता हैं !
Forget and forgive :
क्षमा करना ये मानव का सबसे बड़ा सद्गुण होता है। क्षमा से कोई भी महान बन सकता है। बीती हुई बातों को याद रखकर आप अच्छी जिंदगी नहीं जी सकते।
जैसे कूड़े को घर से बाहर फेंक देने से घर की गन्दगी नष्ट होती है उसी तरह हमारे भूतकाल की घटनाओं और नकारात्मक विचारों को हमारे जीवन से निकल फेंकना ही उचित होगा वरना ये हमारी जिंदगी की खुशबु नष्ट कर देंगे और हमारी जिंदगी में नकारात्मक विचारों की बदबू फैलाएँगे।
Talk to yourself, listen soft and quiet music :
जब आप पूरी तरह से गुस्से की भावना से भरे होंगे तो गहरी साँस लेकर खुद से बातचीत करें। खुद को सकारात्मक सूचनाएँ दें की ‘सबकुछ ठीक हो जाएगा, शांत रिलॅक्स हो जाओ, मैं एक शांतिप्रिय व्यक्ति हूँ, मेरे पास हर समस्या का समाधान है’ इस तरह से खुद से बातचीत करने से stress free feel होता है और आगे आनेवाली परेशानियाँ वही पे नष्ट हो जाती हैं।
और एक मार्ग है जो बहुत ही सुन्दर है। आप गुस्से की भावना को शांत करने के लिए शांत संगीत सुन सकते हैं। इससे आपको बहुत ही हल्का महसूस होगा। संगीत के माध्यम से आप अपने आपको शांत कर सकते हैं।
तो दोस्तों ये आपके लिए कुछ Anger Management की techniques थी जो आपको एक शांत और सफल इंसान बना देगी और एक सुन्दर जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करेगी। ये बदलाव आपके जीवन में एक दिन में नहीं आ सकता लेकिन अगर आप आज शुरुवात करते हैं तो एक ना एक दिन जरूर आपका जीवन शांत और सुखमय बन सकता है। इसके लिए आपको सिर्फ आपके गुस्से पर काबू पाना है और आप तो जानते ही है, Everything is possible अगर आप चाहे तो !
गुस्सा होना उतना ही सामान्य है जितना खुश रहना या किसी अन्य भावना को व्यक्त करना। लेकिन गुस्से की भावना हमारी आक्रमकता को बढ़ावा देती हैं और ये आक्रमकता हमें बहुत भारी पड़ सकती है इसीलिए बहुत ही कुशलता से अपने गुस्से को manage करें और इस सुन्दर जीवन को आनंद से जियें। और आपको तो पता ही है की संयमित व्यक्ति को भी गुस्सा आता है लेकिन वो उसी ऊर्जा को क्रांतिकारी कामों में लगाकर इतिहास के पन्नों पर राज करते हैं।
Thanks for reading : Anger Management
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