Positive Thinking In Hindi। सकारात्मक विचार कैसे करें
Positive Thinking In Hindi
Introduction :
हमारा मन विचारों का भंडार है। हम ही नहीं जानते की कितने और कैसे कैसे विचार हमारे मन में आते है। उन विचारों पर हमारा नियंत्रण नहीं होता। उसी वजह से कुछ घटनाएँ ऐसी घटती है की हम ही समझ नहीं पाते की ऐसा क्यों हो रहा है। इसीलिए Positive thinking को समझना जरुरी है।
जब हम खाली बैठे होते हैं तब हमारा दिल और दिमाग विचारों से भर जाता है। उनमें से सभी विचार फायदेमंद होते हैं ऐसा नहीं है।
लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपने जीवन की Negativity को Positivity में बदला, अपने विचारों को बदला और उनके जीवन में क्रांति हो गयी।
उन्ही लोगों के जीवन में Positive thinking की वजह से जो क्रांति हुई उससे जुडी कुछ कहानियाँ आपको यहाँ पढ़ने को मिलेगी।
किसी ने कहा है, If you can stay positive in a negative situation, you win. अब आपको कैसे पता चलेगा की कौनसे विचार Positive हैं और कौनसे विचार Negative ?
तो इसका बिलकुल सीधासा उत्तर है। हम जो चाहते हैं, जिन चीजों से हमें प्यार है, जिन विचारों के बाद हमारा मन खुश होता है वो विचार Positive होते हैं।
जो हम नहीं चाहते, जिन चीजों से हमें प्यार नहीं है, जिन विचारों के बाद हमारा मन दुखी होता है, जिन विचारों से हमारी चिंता बढ़ती है वो विचार Negative होते हैं। इतना सरल Difference है Positivity और Negativity के बीच में।
एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए,
अगर हमें वो पाना है जो आज तक नहीं पाया है, तो हमें वो करना होगा जो हमने आज तक नहीं किया है !
मतलब आज तक हमने नकारात्मक विचार करते करते अपने ही जीवन को दुखी किया है लेकिन हमें सुखी जीवन जीने के लिए सकारात्मक विचार करना ही होगा। नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदलना ही होगा।
जिन्होंने अपने Negative thoughts को Positive thoughts में shift किया उनके जीवन में क्रांति हो गयी। क्योंकि Positive thinking हमारी ऊर्जा बढ़ाते हैं, हमारा मनोबल बढ़ाते हैं।
Once you replace negative thoughts with positive ones,
You will start having positive results.
अब यहाँ पानी का एक गिलास दिख रहा है जो आधा पानी से भरा है। यहाँ पर हम अगर ४ लोगों को खड़ा कर दे और गिलास का निरिक्षण करने को कहे तो ये गिलास पहले व्यक्ति को आधा भरा दिखेगा, तो दूसरे व्यक्ति को आधा खाली दिखेगा, तीसरे व्यक्ति को आधा पानी से और आधा हवा से भरा दिखेगा और चौथा व्यक्ति बोलेगा की पानी बिलकुल बराबर है, गिलास ही जरुरत से बड़ा है। जैसा नीचे दिए चित्र से हमें समझ आएगा।
जो भी हमारे पास है उसका सही से इस्तेमाल करना है, जो नहीं है उसके बारे में रोने से अच्छा है की जो हमारे पास है उसमे खुश रहे, ख़ुशी मनाये। कुछ लोग बार बार शिकायतें करते रहते है की उनके पास कुछ नहीं है, लेकिन इन लोगों को खुद ही पता नहीं होता की ईश्वर से उन्हें कितने बड़े वरदान मिले होते हैं।
हमें उन वरदानों को पहचानना है और खुश रहना है। ख़ुशी का रास्ता तो हमारे ही पास है। और इसी की वजह से कुछ लोग महान बने, उनका जीवन हमारे लिए अनुकरणीय है।
TOP STORIES ABOUT POSITIVE THINKING
थॉमस अल्वा एडिसन
थॉमस एडिसन के प्रयोगशाला में एक बार आग लग गयी। ये घटना करीब १९१४ की होगी। पड़ोसियों ने दरवाजा खटखटाया ,”थॉमस,थॉमस,थॉमस तुम्हारी प्रयोगशाला में आग लगी हुई है।” थॉमस एडिसन ने जाकर देखा तो उसके सारे सपने आग में जल रहे थे। थॉमस अपने बेटे चार्ल्स का हाथ थामकर अपने सारे सपनों को, अपनी सारी मेहनत को आग में जलते हुए देख रहे थे।
थॉमस ने अपने जीवन की सारी कमाई उस प्रयोगशाला पर खर्च की थी। थॉमस अपने बेटे चार्ल्स को बोले, “बेटा अपनी माँ को तो बुलाकर लाओ।” चार्ल्स बोला, “पापा माँ क्या करेगी यहाँ आकर, हमारी सारी मेहनत तो आग में जल रही है।” तभी थॉमस बोले, “ऐसी शानदार आग फिर नहीं देखने को मिलेगी, हमारी मेहनत जल रही है लेकिन हमारी सारी ग़लतियाँ भी तो जल गयी ना, वो क्या कम है ? हम फिर से नयी शुरुवात करेंगे।”
इसे कहते है Positive thinking. उन्होंने करीब करीब १०००० प्रयोग किये तब जाके बल्ब का Invention हुआ। पत्रकारों ने जब उन्हें पूछा की आपको आपके ९९९९ प्रयोग असफल हुए इसके बारे में क्या लगता है ? तो थॉमस एडिसन ने जवाब दिया की, “आप ऐसा कैसे कह सकते है की मेरे ९९९९ प्रयोग असफल हुए। इन ९९९९ मार्गों से मैंने ये सिद्ध किया है की ९९९९ मार्गों से बल्ब नहीं जलता।”
दूसरा उदहारण है गौतम बुद्धजी का।
एकबार गौतम बुद्धजी के पास उनका एक शिष्य आया और रोने लगा की, ” गाँववालों ने मुझे गालियाँ दी”। तो बुद्धजी बोले, “अच्छा हुआ की उन्होंने तुम्हे मारा नहीं”। शिष्य बोला “मुझे उन गाँववालों ने मारा भी”। तो बुद्धजी बोले, “अच्छा हुआ उससे तुम्हे गहरी चोट नहीं लगी”। तो शिष्य बोला, “मेरा सर फूटा है और उसमे से खून निकल रहा है।”
तो बुद्धजी शांत मुद्रा में बोले, “शुक्रिया अदा करो की तुम अभी तक जिन्दा हो, तुम्हारी मृत्यु नहीं हुई है, और ये बहुत बड़ी बात है !” शिष्य तो अब भगवान बुद्धजी के चरणों में गिर गया। उसे समझ आया जो समझना था। इससे बेहतर उदहारण हो नहीं सकता Positive thinking का।
एक और उदहारण है नेपोलियन बोनापार्ट का।
नेपोलियन समुन्दर के किनारे पे अपने ही सैनिकों के आगे जहाज से उतरते समय पैर फिसलकर गिर गए। उनकी छाती कीचड़ से ख़राब हो गयी। सैनिकों को लगा की अपना सेनापति युद्ध शुरू होने से पहले ही गिर गया, आज अपना पराभव निश्चित है। ये बात नेपोलियन की नज़रों से नहीं छूटी।
उन्होने अपने सैनिकों से कहा, “सैनिकों आज तो हमारी जीत पक्की है। क्योंकि खुद धरती ने मुझे अपने सीने से लगाकर कहा है की मैं तुम्हारी हूँ, मैं तुम्हारे साथ हूँ, तुम जरूर जीतोगे। और इस बात से सैनिकों का मनोबल बढ़ गया, उन्होंने जीत हासिल की। लेकिन ये जीत तो सिर्फ और सिर्फ Positive thinking से मिली है ये बात हमें भूलनी नहीं है।
और एक उदाहरण है भारत के माजी राष्ट्रपती डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम जी का।
डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलामजी को नौदल में भर्ती होना था, लेकिन कुछ परिस्थितियों के कारण वो नौदल में भर्ती नहीं हो पाए। इसी वजह से तो वो भारत के महान शास्त्रज्ञ बने और एक सफल राष्ट्रपति भी बने। उनके चरित्र से हमें सकारात्मकता का एकदम सही ज्ञान मिलता है।
इन सब उदाहरणों से एक बात समझ आती है की नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में बदलना क्यों जरुरी है। अगर खुश रहना है, सुख से, शान्ति से जीना है, सफल होना है, क्रांति लानी है, बदलाव लाना है तो विचारों का Negative से Positive में shifting बहुत ही जरुरी है।
कौन कहता है की जिंदगी में हर बार काँटों के डंख होते हैं, आँख खोलकर देख हर एक को उड़ने के लिए तितली जैसे पंख होते हैं। इसीलिए असफलता को महान सफलता का सूचक समझें, विचारों का shifting करें, अपने मन की अनियंत्रित अवस्था को नियंत्रित करे और सुख की चाबी पाये।
BE POSITIVE, STAY POSITIVE.
Thank You For Reading – Positive Thinking In Hindi
Also Read : The Power of Positive Thinking.
और सबसे महत्वपूर्ण बात, इस इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिये ताकि सबमें positivity को negativity में बदलने की शक्ति आ जाये।