How to deal with problems in Life
How to deal with problems in Life
Introduction :
अगर आप अपने जीवन में बहुत सारी समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए हैं। अगर आपको लग रहा है की ये problems मेरा पीछा ही नहीं छोड़ रही हैं तो How to deal with problems in Life इस आर्टिकल की मदद से आप अपने जीवन की सारी समस्याओं से छुटकारा पाकर अपने जीवन को खूबसूरत बना सकते हैं। तो चलिए सबसे पहले इसके लिए एक कहानी पढ़ते हैं।
ये कहानी एक राजा की है। वो अपने राज्य के हित में किसी बड़े काम के लिए अपने राज्य से दूर एक लम्बी यात्रा की योजना कर रहा था। जिस दिन राजा निकलनेवाला था उस दिन सारे गाँववाले उसे मिलने के लिए समुन्दर के पास चले आये क्योंकि राजा समुन्दर से अपनी यात्रा का आरम्भ करनेवाला था।
अब जैसे ही राजा उस जहाज में पैर रखता, गाँव का एक बुजुर्ग आदमी राजा के पास जाकर उसे कहता है की राजा जी आपकी समुंदरी यात्रा ख़त्म होने पर जब आप जंगल से गुजरेंगे तो आपको एक २ फुट का आदमी मिलेगा और वो आपको लड़ने के लिए प्रेरित करेगा तो उसे ख़त्म किये बिना आगे मत बढियेगा।
उस आदमी की बात मानकर राजा अपनी यात्रा के लिए निकल पड़ता है। अपनी समुंदरी यात्रा ख़त्म करने के बाद जब वो जंगल से गुजरने लगता है तभी जिस तरह उस बुजुर्ग आदमी ने कहा था ठीक उसी तरह राजा को २ फुट का आदमी मिलता है। राजा को देखते ही वो राजा को लड़ने के लिए उकसाने लगता है। लेकिन राजा महान और शक्तिशाली था। राजा ने उस आदमी के साथ लड़ाई तो की लेकिन उसे जान से नहीं मारा। उसने सोचा की मैं इतना शक्तिशाली और महान हूँ। इस २ फुट के आदमी को हराने से मेरी महानता सिद्ध हो गयी है तो इसे जान से मारने में कैसी महानता ! ऐसा सोचकर वो उस आदमी को छोड़ देता है और आगे बढ़ता है। २ दिन बाद वही आदमी राजा के सामने आता है लेकिन आश्चर्य की बात, वो ४ फुट का हो चूका होता है। लेकिन तब भी राजा के मन में विचार आता है की इस ४ फुट के आदमी को मारने में कैसी महानता ! इसे जाने देते हैं। लेकिन वो आदमी राजा से लड़ने लगा। तो राजा अपनी शूरता से उसे हराता है और आगे चल पड़ता है।
अब ३ – ४ दिन की यात्रा के बाद फिर से वो आदमी राजा के सामने आ जाता है और इस बार वह ६ फुट का हो चूका होता है। फिर भी राजा जैसे तैसे उसे हराकर आगे चल पड़ता है।
राजा आगे बढ़ता रहा और एक दिन फिर से वही आदमी राजा के सामने आता है। अब उसकी ऊंचाई राजा से काफी अधिक थी। उसे देखकर राजा डर गया। राजा के सामने ये प्रश्न खड़ा हुआ की अब इसे हराये कैसे ? क्योंकि वो ८ फुट का हो चूका था। वो आदमी राजा से काफी बड़ा होने से राजा उसे हरा नहीं पाया। राजा ने बहुत प्रयास किये लेकिन राजा उसे नहीं हरा पाया और राजा को हार माननी पड़ी। दुःख की बात तो ये है की जिसे राजा ने ३ बार जीवनदान दिया था उसी आदमी ने राजा को हराकर मार दिया।
अब हम इस कहानी से क्या सीखेंगे की जब कोई अनुभवी व्यक्ति हमें कुछ सलाह देती है तो उसकी बात मान लेनी चाहिए क्योंकि ज्ञान कभी कभी काम नहीं आता लेकिन अनुभव हमेशा काम आता है।
और दूसरी बात ये की जब वो आदमी २ फुट का था तब उसे मारना राजा के लिए बिलकुल आसान था लेकिन राजा ने उसे मारा नहीं और एक दिन उसी आदमी के हाथों से राजा को मरना पड़ा।इसका मतलब जब परिस्थिति हमारे नियंत्रण में होती है तब हम उसपर ध्यान नहीं देते और जब वो बढ़ती जाती है तो हमारा ही नुकसान करती है। कभी कभी ये नुकसान बहुत बड़ा भी हो सकता है।
अब एक और कहानी है जो हमें एक नयी सिख देगी। एक बार एक किसान अपने जीवन की समस्याओं से तंग आकर गौतम बुद्ध के पास चला गया और अपना दुःख उन्हें बताने लगा। वो अपने जीवन से तंग आ चूका था।
वो बुद्ध जी को अपनी सारी समस्याएँ बता रहा था की, मैं एक किसान हूँ लेकिन एक साल भी ऐसा नहीं गया जिस साल मेरा नुकसान नहीं हुआ। कई बार बारिश बिल्कुल नहीं आती और सारी खेती सुख जाती है तो कई बार बारिश जरुरत से ज्यादा आती है और मेरी सारी फसल धूल जाती है इस तरह हर साल मैं घाटे में जा रहा हूँ। मेरी पत्नी पैसों की कमी के कारन रोज मुझसे झगड़ती है। बेटा कुछ काम नहीं करता और उसकी पत्नी हररोज घरवालों से झगड़ती है, सबका ध्यान ठीक से नहीं रखती। मेरे पडोसी मेरे घरवालों के बारे में भला बुरा कहते हैं। मैंने कई लोगों से पैसे उधार लिए हैं, वो लोग मुझसे पैसों की मांग कर रहे हैं। उनके पैसे चुकाने के लिए भी मेरे पास पैसे नहीं हैं। मुझे ऐसा कुछ बताइये जिससे इन सारे लोगों के विचारों में बदलाव आ जाये और मेरी जिंदगी की सारी समस्याएँ नष्ट हो जाए। इस तरह उनसे बात करते करते वो रोने लगा। वो पूरी तरह गौतम बुद्ध की शरण में जा चूका था।
अब बुद्ध शांत रहकर उस किसान की सारी बातें सुन रहे थे। मन ही मन मुस्कुराते हुए बुद्ध कहने लगे की तुम तो सचमुच दुःखी हो क्योंकि इतनी सारी समस्याओं ने तुम्हे घेरा है। लेकिन एक और समस्या है जो इनसे भी बड़ी है, तुमने बताई ही नहीं जो तुमसे सम्बंधित है और जब तक तुम उस समस्या का समाधान नहीं ढूंढते तब तक ये बाकि सारी समस्याओं का मैं या तुम कुछ नहीं कर सकते। मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता।
किसान को आश्चर्य हुआ और उसने बुद्ध जी से कहा की मैंने तो आपको मेरे जीवन की सारी समस्याओं के बारे में बताया है। अब आप ही बताइये की मैं कहाँ गलत हूँ ? तब बुद्ध जी बोले की तुम्हारे जीवन की सबसे बड़ी समस्या ये है की तुम ऐसा जीवन चाहते हो जो समस्यामुक्त हो जो बिलकुल असंभव है।
जीवन में समस्याएँ तो आएँगी ही ! उन्हें तुम या मैं नहीं रोक सकते। लेकिन अगर तुम इस जीवन को जैसा है वैसा स्वीकार करते हो तो तुम तुम्हारे जीवन की हर एक समस्या पर विजय पा सकते हो। तुम्हारे पास जीवन को सुखी बनाने की शक्ति है लेकिन तुम उस शक्ति का उपयोग दूसरों के दोष देखने के लिए कर रहे हो और यही तुम्हारे हर एक समस्या की जड़ है। समस्याएँ हमारे जीवन का एक अविभाज्य अंग है, तुम उनसे दूर नहीं भाग सकते। वो तुम्हारी क्षमताओं को तराशने के लिए आती है। तुम्हें उन्हें अपने जीवन में स्वीकार करना होगा और अपनी क्षमताओं का उपयोग करके उनका समाधान ढूँढना होगा यही एक मार्ग है तुम्हारी समस्याओं को हल करने का ! तुम्हे उनका सामना करना होगा और अपना जीवन आनंदित करने का प्रयास करना होगा। क्योंकि जिंदगी कभी भी हमारे हिसाब से नहीं चलती लेकिन हम ये चाहते हैं की वो हमारे हिसाब से चलें।
अब ये कहानी भी हमें ये सिखाती है की समस्यामुक्त जीवन की अपेक्षा करना मूर्खता का लक्षण है। समस्याएँ तो आएँगी ही। उनको सुलझाने की शक्ति हमें ईश्वर ने दी है। उस शक्ति का उपयोग हमें करना होगा।
Ways to deal with problems :
हम सब की जिंदगी में भी कई समस्याएँ ऐसी होती हैं जिनसे हम आसानी से छुटकारा पा सकते हैं लेकिन हम उसपर ध्यान नहीं देते। और थोड़े दिनों के बाद वही समस्या बड़ा रूप धारण कर लेती है और उससे निपटना मुश्किल हो जाता है। हम अकेले उसका सामना नहीं कर पाते। तो कितनी भी बड़ी समस्या हो उसे early stage में पहचाने और उसका समाधान ढूंढे। हमें ये जान लेना चाहिए की अगर ये समस्या आज नहीं सुलझाई तो ये आगे जाके बहुत बड़ा नुकसान कर सकती है।
कई बार ऐसा होता है की हम समस्याओं पर ही ज्यादा फोकस करते हैं और समस्याएँ और बढ़ाते हैं। तो ऐसी परिस्थिति में हमें समस्या से ज्यादा उनके समाधान पर ज्यादा ध्यान देना जरूरी है। कभी कभी बड़ी बड़ी समस्याओं का बिलकुल सीधा, सरल और आसान समाधान होता है लेकिन हम उसपर विचार ही नहीं करते। और जब वही छोटीसी समस्या हमारी शांति छीन लेती हैं तब हमारी आँखें खुलती हैं।
एक बात समझिए, जब समस्या आती है तो शांति से बैठकर किसी भी समस्या का समाधान ढूंढना जरुरी है। जल्दबाजी में कोई भी गलत निर्णय ना लेने में ही समझदारी है।
साधारण सारी समस्याएँ रिश्तें, सेहत और पैसों से सम्बंधित ही होती हैं। तो अपनी problem किस category में बैठती है इसका अनुमान लगाए और फिर root cause तक पहुंचें।
एक बात जरूर ध्यान में रखिये की जिन problems को हम solve कर सकते हैं उनको जल्द ही सुलझा लें और जिनके बारे में हम कुछ नहीं कर पाते उनका विचार करना छोड़ दें। उनको वक़्त अपने हिसाब से सुलझा देगा।
दोस्तों अपनी सोच problem oriented से solution oriented में shift कर दीजिये। एक proper mindset के साथ अगर आप अपनी हर एक समस्या का हल ढूंढते हैं तो आप किसी भी समस्या से अच्छी तरह से deal कर पाएंगे।
किसी भी समस्या को सुलझाते वक़्त अपने आप को कुछ सवाल पूछिए इससे आपको actual problem को identify करने में मदद होगी। और फिर आप possible solutions के बारे में सोच सकते हैं और सही निर्णय ले सकते हैं।
और सबसे महत्वपूर्ण बात की समस्या कितनी भी बड़ी हो उसपर विचार करने पर अपनी ऊर्जा बिलकुल waste ना करे। हर situation में positive और grateful रहें ताकि समस्या जल्द ही सुलझ जाए। जितना ज्यादा आप सकारात्मक और कृतज्ञता से भरे विचारों को अपने मन में स्थान देंगे उतना आपका मन इस विश्वास से भर जाएगा की ये ब्रह्माण्ड आपके साथ है और आपकी हर एक समस्या का समाधान उसकी जिम्मेदारी है।
दोस्तों अब मुझे पूरा विश्वास है की आप अपने जीवन की बडी से बड़ी समस्या खुद सुलझा सकते हैं। हमें ये सोचकर चलना होगा की हर बार कोई दूसरा आकर हमारी problems को नहीं solve कर सकता। हमारे जीवन को खुशहाल बनाना हमारी जिम्मेदारी है।
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उत्तर details होगी तो और बेहतर होगा इसके लिए आप हमे उपाय बता दीजिए जैसे की आप हमेशा कृतज्ञता व्यक्त करते है तो अगर आप हर आर्टिकल मे प्रॉब्लेम का सोल्युशन याने पावर ऑफ ग्रॅटिट्युड का जिक्र करेगी तो बहुत बढीया होगा ग्रेट आर्टिकल थँक्स.