The secret of Happiness – story
The secret of Happiness – story
हमारे जीवन का एकमात्र उद्देश्य है की हमें एक ही जिंदगी मिली है तो इसे ख़ुशी से जिया जाए ! लेकिन हम छोटी मोटी बातों में उलझकर ख़ुशी से नाता तोड़ते हैं और दुःख को अपना साथी बनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की खुश रहना हमारे ही हाथों मे हैं। अगर हम ये तय कर लेते हैं की मुझे हर हाल में खुश रहना है तो परिस्थितियाँ कैसी भी हो आप खुश रह सकते हैं। लेकिन खुश कैसे रहा जाए ? तो इसके लिए आप The secret of Happiness – story पढ़िए। आपको खुश रहने का secret मिल जाएगा !
एक छोटासा गाँव था। उस गाँव में थोड़े बहुत लोग रहते थे। लेकिन जितने भी लोग थे उतने लोग आपस में बहुत प्यार से रहते थे। गाँव में खुशियाँ ही खुशियाँ थी। गाँव के लोग एक दूसरे को जरुरत के समय सहायता करते थे। गाँव का मुखिया भी बहुत ही जिम्मेदार आदमी था। उसने अपने गाँव के लोगों में भाईचारे का बीज बोया था। सबको एकता का पाठ पढ़ाकर उसने अपने गाँव को आदर्श गाँव बनाया था।
एक दिन एक बूढ़ा आदमी गाँव में आया और मुखिये से बोलने लगा की मैं मेरे गाँव से तंग आ चूका हूँ। मेरे गाँव के लोग बहुत ही झगड़ालू और स्वार्थी हैं। उनमें हररोज आपसी अनबन और मनमुटाव हो रहे हैं। कोई एक दूसरे की सहायता नहीं करता। हर कोई अपना फायदा देख रहा है। मुझे मेरे गाँव में रहने की बिलकुल इच्छा नहीं है। मैं ख़ुशी से रहना चाहता हूँ। जितने भी दिन मेरी जिंदगी के बचे हैं उन्हें मैं शांति से बिताना चाहता हूँ। मैंने सुना है की आपके गाँव के लोग बहुत मिलजुलकर और ख़ुशी से रहते हैं। मैं अपनी बची हुई जिंदगी में ख़ुशी चाहता हूँ। तो क्या आप मुझे आपके इस गाँव में रहने की इजाजत देंगे ?
गाँव के मुखिया को इस बात का आश्चर्य हुआ की कैसे कोई खुश रहने के लिए अपना गाँव छोड़कर दूसरे गाँव में रहने आ सकता है ! मुखिये ने उस बूढ़े आदमी से कहा की, जिस गाँव से तुम आये हो उस गाँव के लोग अच्छे नहीं हैं ऐसा तुम मानते हो। और जब इसी सोच के साथ अगर तुम इस गाँव में भी रहोगे तो तुम्हे वहीं अनुभव मिलेगा जो तुम्हें तुम्हारे गाँव में मिला। तुम्हें इस गाँव के लोग भी स्वार्थी ही नजर आएंगे। दोष तुम्हारे गाँव के लोगों में नहीं, तुम्हारी सोच में है। तुम्हारा मन इन गलत चीजों से भरा होने के कारन तुम्हे दूसरों में भी बुराइयाँ ही दिखाई देंगी। तुम्हारा ध्यान तुम्हारे गाँव की अच्छी चीजों पर नहीं बल्कि गलत चीजों पर है, लोगों की अच्छाइयों पर नहीं बल्कि बुराइयाँ ढूँढने पर है तो अगर तुम इस गाँव में रहते हो तो यहाँ के लोगों में भी तुम बुराईयाँ ही ढूंढोगे। तो फिर तुम इस गाँव में भी दुखी ही रहोगे तो अपना गाँव छोड़कर क्या फायदा ! तुम उसी गाँव में रहकर खुश रह सकते हो अगर तुम गाँव के लोगों में अच्छाईयाँ ढूंढना शुरू कर दो तो ! बेहतर होगा की तुम अपने गाँव वापस लौट जाओ और अपने गाँव को एक खुशहाल गाँव बना दो।
अब इस बूढ़े आदमी के दिमाग की बत्ती जल गयी। उसे समझ आया की वो खुश क्यों नहीं है और कैसे खुश रहा जा सकता है। उसने ख़ुशी का रास्ता चुन लिया और अपने गाँव वापस चला गया। अब ये बताने की जरुरत ही नहीं की वो बहुत ख़ुशी से रहने लगा और सारा गाँव भी खुशहाल बन गया !
खुश रहने के लिए उस बूढ़े आदमी ने जो ५ मार्ग अपनाये वो निचे दिए हैं जिनके कारण उसकी बची हुई जिंदगी बहुत ही ख़ुशी से बीत गयी। तो आप भी इन मार्गों का उपयोग करके खुश रह सकते हैं। तो चलिए जानते हैं वो कौनसे मार्ग हैं !
१) Don’t hate ( किसीकी से भी नफ़रत ना करें। )
२) Don’t compare ( अपनी तुलना दूसरों से ना करें। )
३) Don’t worry ( किसी भी बात की चिंता ना करें, ईश्वर पे सब कुछ सौंप दें। )
४) Don’t expect ( दूसरों से अपेक्षा ना करें। )
५) Don’t complain ( शिकायतें करना छोड़ दें ताकि अच्छी चीजें आपकी जिंदगी में आकर्षित हो जाए। )
दोस्तों आप भी अपना जीवन ख़ुशी से बिताना चाहते होंगे तो ये कहानी और इन ५ मार्गों को ध्यान में रखिये और इस तरह जिंदगी जियें की हमें देखनेवाले लोग इस उलझन में उलझ जाए की ये इतना खुश क्यों है !
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Don’t
Worry
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yes be happy,be positive